राम शरण में ही नेह बसे, पावन प्रभु का प्रीत लिखे। राम शरण में ही नेह बसे, पावन प्रभु का प्रीत लिखे।
राम राम टें टें शायद राम का अर्थ वो नहीं जानता या नहीं जानता मैं। राम राम टें टें शायद राम का अर्थ वो नहीं जानता या नहीं जानता मैं।
उम्र के आख़री पड़ाव में कौन लेता है खबर बुढ़े बरगद की। उम्र के आख़री पड़ाव में कौन लेता है खबर बुढ़े बरगद की।
पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म इनका मुझे ज्ञान नहीं लोभ- चिंता, दुःख, कर्म फल इनसे मैं अछूत पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म इनका मुझे ज्ञान नहीं लोभ- चिंता, दुःख, कर्म फल ...
तज अपनी चक्रवर्ती सम्राट वाली ओढ़ी क्रूरता। तज अपनी चक्रवर्ती सम्राट वाली ओढ़ी क्रूरता।
विषयों के रंगों में भ्रमित मूल उज्ज्वलता से परे , माया मोह के पाश में बँध स्वानन्द स्वरूप क... विषयों के रंगों में भ्रमित मूल उज्ज्वलता से परे , माया मोह के पाश में बँध ...